5
«اللهُمَّ أَعُوذُ بِرِضَاكَ مِنْ سَخَطِكَ، وَبِمُعَافَاتِكَ مِنْ عُقُوبَتِكَ، وَأَعُوذُ بِكَ مِنْكَ لَا أُحْصِي ثَنَاءً عَلَيْكَ أَنْتَ كَمَا أَثْنَيْتَ عَلَى نَفْسِكَ»
{وهو دعاء يُشرع قوله في السجود}
अल्ला हुम्म अ ऊ जु बिरिजाक मिन् स ख तिक, व बि मोआ फातेक मिन् ओकू ब तेक, व अ ऊ जु बि क मिन्क, ला ओह्सी सनाअन् अलैक, अन्त कमा अस्नैत अला नफसेक ।