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«اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ أَنْ أُشْرِكَ بِكَ وَأَنَا أَعْلَمُ، وَأَسْتَغْفِرُكَ لِمَا لَا أَعْلَمُ»
{وهو دعاء يُذهب الرياء}

“अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ो बिका अन् उश्रिका बिका व अना आ'लम, व अस्तग़फिरूका लिमा ला आ'लम”

“ऐ अल्लाह! मैं इस बात से तेरी शरण में आता हूँ कि मैं जानबूझ कर तेरे साथ शिर्क करूँ, और मैं उस चीज़ से तेरी क्षमा चाहता हूँ जिसे मैं नहीं जानता”

(यह दुआ रियाकारी – दिखावा - समाप्त कर देती है)

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