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- “ऐ अल्लाह! मैं तेरी शरण चाहता हूँ उस काम की बुराई से जो मैंने किया और उसकी बुराई से जो मैंने नहीं कि...
- “ऐ अल्लाह! मैं इस बात से तेरी शरण में आता हूँ कि मैं जानबूझ कर तेरे साथ शिर्क करूँ, और मैं उस चीज़ से...
- “ऐ अल्लाह! मैं तेरी नेमत के छिन जाने, तेरी आफ़ियत के बदल जाने, अचानक तेरे अज़ाब के आने और तेरे हर प्...
- “ऐ अल्लाह! मैं बुरी आदतों, बुरे कामों, बुरी इच्छाओं और बुरी बीमारियों से तेरी शरण लेता हूँ”
- “ऐ अल्लाह! मैं विपत्ति (परीक्षण) के कष्ट, दुर्भाग्य से पीड़ित होने, बुरी क़ज़ा (बुरे फैसले) और दुश्म...
- “ऐ अल्लाह! मैं विवशता (बे-बसी), आलस्य, कायरता, कंजूसी, बुढ़ापा और क़ब्र की यातना से तेरी शरण लेता हू...
- “ऐ अल्लाह! मैं चिंता, दुःख, विवशता (बे-बसी), आलस्य, कंजूसी, कायरता, ऋण (क़र्ज़) के बोझ और लोगों के अ...
- “ऐ अल्लाह! मैं अपने कान की बुराई से, अपनी आँख की बुराई से, अपनी ज़बान की बुराई से, अपने दिल की बुराई...
- “ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह में आता हूँ जहन्नम के फ़ित्ने (परीक्षण) से और जहन्नम की यातना से, तथा मैं त...
- “ऐ अल्लाह! मैं तेरे प्रभुत्व की शरण में आता हूँ, तेरे अलावा कोई सच्चा पूज्य नहीं, इस बात से कि तू मु...
- “ऐ अल्लाह! मैं बर्स, पागलपन, कोढ़ (कुष्ठ) और समस्त बुरी बीमारियों से तेरी शरण लेता हूँ”
- “ऐ अल्लाह! मैं बुरे दिन से, बुरी रात से, बुरी घड़ी से, बुरे साथी से और निवास स्थान में बुरे पड़ोसी (...
- “मैं खुले और छिपे फ़ित्नों (परीक्षण) से अल्लाह की शरण लेता हूँ”