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«يا حيُّ يا قيُّومُ برحمتِك أستغيثُ، أَصلِحْ لي شأني كلَّه، ولا تَكِلْني إلى نفسي طرفةَ عَيْنٍ»
{وهو دعاء الكرب والهم}

"या ह़य्यु या क़य्यूमु बि-रह़मतिका अस्तग़ीसु, असलिह् ली शा’नी कुल्लहू वला तकिल्नी इला नफ्सी तर्फता ऐन"

“ऐ परम जीवित सब कुछ थामने वाले! मैं तेरी ही दया से फरयाद करता हूँ, तू मेरे संपूर्ण काम सुधार दे और आँख झपकने के बराबर भी मुझे मेरे नफ़्स के हवाले न कर”

(यह वेदना और चिंता की दुआ है)

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