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«اللهُمَّ مُصَرِّفَ الْقُلُوبِ صَرِّفْ قُلُوبَنَا عَلَى طَاعَتِكَ» «يَا مُقَلِّبَ القُلُوبِ ثَبِّتْ قَلْبِي عَلَى دِينِكَ»
{وهو دعاء الثبات على الحق، وأكثر دعاء النبي صلى الله عليه وسلم}

“अल्लाहुम्मा मुसर्रिफ़ल-क़ुलूबि, सर्रिफ़् क़ुलूबना अला ताअतिका” “या मुक़ल्लिबल क़ुलूबि सब्बित क़ल्बी अला दीनिका”

“ऐ अल्लाह! दिलों का संचालन करने वाले, हमारे दिलों को अपनी आज्ञाकारिता पर स्थिर कर दे” “ऐ दिलों के फेरने वाले! मेरे दिल को अपने दीन पर जमा दे” इसे मुस्लिम (2654) ने रिवायत किया है लेकिन वाक्यांश : “ऐ दिलों के फेरने वाले! मेरे दिल को अपने दीन पर जमा दे”

(यह सत्य पर दृढ़ता की दुआ है, और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अधिकांश दुआ यही होती थी)

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