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«اللهُمَّ اغْفِرْ لِي، وَارْحَمْنِي، وَاهْدِنِي، وَعَافِنِي، وَارْزُقْنِي»
{وهو دعاء يجمع خيري الدنيا والآخرة}

अल्लाहुम्मग़-फिर् ली, वर्हम्नी, वह्दिनी, व-आफिनी, वर्ज़ुक़्नी

“ऐ अल्लाह! मुझे क्षमा कर दे, मुझपर दया कर, मुझे हिदायत दे, मुझे आफियत में रख और मुझे रोज़ी दे”

(यह दुनिया और आख़िरत की भलाई के लिए एक व्यापक दुआ है)

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