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«اللَّهُمَّ أَعِنِّي عَلَى ذِكْرِكَ، وَشُكْرِكَ، وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ»
{وهو دعاء يُشرع قوله في التشهد الأخير قبل السلام}

अल्लाहुम्मा अ-इन्नी अला ज़िक्रिका व शुक्रिका व हुस्नि इबादतिक

“ऐ अल्लाह! तू अपने ज़िक्र (जप), अपने शुक्र और अच्छे ढंग से अपनी इबादत पर मेरी मदद कर”

(यह दुआ अंतिम तशह्हुद में सलाम फेरने से पहले पढ़ना धर्मसंगत है)

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