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﴿رَبَّنَا لا تُزِغْ قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ هَدَيْتَنَا وَهَبْ لَنَا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً إِنَّكَ أَنْتَ الْوَهَّابُ﴾ [آل عمران: ٨]
“ऐ हमारे पालनहार! हमारे दिलों को (सत्य से) विचलित न कर, इसके बाद कि तूने हमें मार्गदर्शन प्रदान किया और हमें अपने पास से दया प्रदान कर निःसंदेह तू महान दाता है” [आल-इमरान : 8]