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﴿رَبِّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي فَاغْفِرْ لِي﴾ [القصص: ۱٦]

“ऐ मेरे पालनहार! निश्चय मैंने अपने आप पर ज़ुल्म किया अतः तू मुझे क्षमा कर दे” [अल-क़सस : 18]

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