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﴿رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ ١٢٧ وَتُبْ عَلَيْنَا إِنَّكَ أَنْتَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ ١٢٨﴾ [البقرة: ۱٢٧-۱٢٨]
“ऐ हमारे पालनहार! हमसे स्वीकार कर ले, निःसंदेह तू ही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है”, “और हमारी तौबा क़बूल कर निःसंदेह तू ही बहुत तौबा क़बूल करने वाला, अत्यंत दयावान् है” [अल-बक़रा : 127-128]