15 ﴿ارْزُقْنَا وَأَنتَ خَيْرُ الرَّازِقِينَ﴾ [المائدة: ۱۱٤] “और हमें जीविका प्रदान कर तू ही सबसे बेहतर जीविका प्रदान करने वाला है” [अल-मायदा : 114]