3 ﴿الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالأرْضَ وَجَعَلَ الظُّلُمَاتِ وَالنُّورَ﴾ [الْأَنْعَامِ: ۱] “सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया तथा अँधेरों और प्रकाश को बनाया” [अल-अनआम : 1]