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يستحب للداعي بعد الثناء على الله تعالى أن يصلي على النبي صلى الله عليه وسلم
(اللَّهُمَّ صَلِّ وَسَلّم عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ، إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ)
“अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम अला मुहम्मद, व अला आलि मुहम्मद, कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहीमा, इन्नका हमीदुन मजीद”
दुआ करने वाले के लिए बेहतर है कि सर्वशक्तिमान अल्लाह की प्रशंसा करने के बाद, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दुरूद भेजे
(ऐ अल्लाह! तू दया और शांति अवतिरत कर मुहम्मद पर और मुहम्मद के पिरवार पर, जिस प्रकार तूने इब्राहीम पर और इब्राहीम के परिवार पर दया अवतिरत किया निःसंदेह तू प्रशंसनीय और गौरवशाली है)