10

«اللهُمَّ رَبَّ السَّمَوَاتِ وَرَبَّ الْأَرْضِ وَرَبَّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ، رَبَّنَا وَرَبَّ كُلِّ شَيْءٍ، فَالِقَ الْحَبِّ وَالنَّوَى، وَمُنْزِلَ التَّوْرَاةِ وَالْإِنْجِيلِ وَالْفُرْقَانِ، أَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّ كُلِّ شَيْءٍ أَنْتَ آخِذٌ بِنَاصِيَتِهِ، اللهُمَّ أَنْتَ الْأَوَّلُ فَلَيْسَ قَبْلَكَ شَيْءٌ، وَأَنْتَ الْآخِرُ فَلَيْسَ بَعْدَكَ شَيْءٌ، وَأَنْتَ الظَّاهِرُ فَلَيْسَ فَوْقَكَ شَيْءٌ، وَأَنْتَ الْبَاطِنُ فَلَيْسَ دُونَكَ شَيْءٌ، اقْضِ عَنَّا الدَّيْنَ، وَأَغْنِنَا مِنَ الْفَقْرِ»

“अल्लाहुम्मा रब्बस-समावाति व रब्बल-अर्शिल-अज़ीम, रब्ब्ना व रब्बा कुल्लि शैइन, फ़ालिक़ल-ह़ब्बि वन्नवा, व-मुन्ज़िलत-तौराति वल-इन्जीलि वल-फुरक़ानि, अऊज़ु बिका मिन शर्रि कुल्लि शैइन अन्ता आख़िज़ुन बि-नासियतिहि, अल्लाहुम्मा अन्तल-अव्वलु फ-लैसा क़ब्लका शैउन, व-अन्तल-आख़िरु फ़-लैसा बा’दका शैउन, व-अन्तज़-ज़ाहिरु फ-लैसा फौक़का शैउन, व-अन्तल-बातिनु फ-लैसा दूनका शैउन, इक़्ज़ि अन्नद-दैना व-अग़निना मिनल-फ़क़्रि"

“ऐ अल्लाह, ऐ आकाशों के रब, धरती के रब और महान अर्श के रब! ऐ हमारे रब और हर चीज़ के रब! दाने और गुठली को फाड़ने वाले! तौरात, इन्जील और फुरक़ान (क़ुरआन) के उतारने वाले! मैं हर उस चीज़ की बुराई से तेरी पनाह चाहता हूँ जिसकी पेशानी तू पकड़े हुए है ऐ अल्लाह! तू ही अव्वल (सबसे पहले) है, तुझसे पहले कोई चीज़ नहीं और तू ही आखिर है, तेरे बाद कोई चीज़ नहीं और तू ही ज़ाहिर है, तेरे ऊपर कोई चीज़ नहीं और तू ही बातिन है, तुझसे वरे कोई चीज़ नहीं हमारा क़र्ज अदा कर दे और हमें निर्धनता से (निकाल कर) धनवान कर दे”

10/24