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दूसरा : आपको यह याद रखना चाहिए कि आपका दुआ में व्यस्त होना अपने आप में एक महान उपासना है, जिससे सर्वशक्तिमान अल्लाह प्यार करता है, तथा दुआ के क़बूल होने से क़त-ए-नज़र, आपको उसपर सवाब मिलेगा

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