6

(بِاسْمِ اللهِ) (أَعُوذُ بِاللهِ وَقُدْرَتِهِ مِنْ شَرِّ مَا أَجِدُ وَأُحَاذِرُ)
{يضع يده على موضع الألم ويقول ۳ مرات "بِاسْمِ اللهِ" ثم يقول ٧ مرات "أَعُوذُ بِاللهِ وَقُدْرَتِهِ مِنْ شَرِّ مَا أَجِدُ وَأُحَاذِرُ"}

“बिस्मिल्लाह” “अऊज़ो बि-इज़्ज़तिल्लाहि व क़ुद्रतिही मिन् शर्रि मा अजिदो व उह़ाज़िरो”

“अल्लाह के नाम से”

“मैं अल्लाह और उसकी शक्ति की शरण लेता हूँ उस चीज़ की बुराई से जो (दर्द) मैं महसूस करता हूँ और जिस (बीमारी) से (भविष्य में) डरता हूँ”

(वह दर्द की जगह पर अपना हाथ रखे और 3 बार “बिस्मिल्लाह” कहे, फिर 7 बार कहे : “अऊज़ो बि-इज़्ज़तिल्लाहि व क़ुद्रतिही मिन् शर्रि मा अजिदो व उह़ाज़िरो”)

0/7

6/12