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«أَسْأَلُ اللَّهَ الْعَظِيمَ رَبَّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ أَنْ يَشْفِيَكَ»
{يقولها ٧ مرات، وإن قرأ على نفسه قال "أسْأَلُ اللَّهَ الْعَظِيمَ رَبَّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ أَنْ يَشْفِيْنِي" ٧ مرات}

“अस्-अलुल्लाहल अज़ीम, रब्बल अर्शिल अज़ीम, अन् यश्फियका”

“मैं महान सिंहासन (अर्श) के मालिक महामहिम अल्लाह से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें निरोग (स्वस्थ) कर दे”

(इसे 7 बार पढ़े, और यदि वह खुद पर पढ़ना चाहे, तो 7 बार “अस्-अलुल्लाहल अज़ीम, रब्बल अर्शिल अज़ीम, अन् यश्फियनी” कहे)

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