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(حَسْبِيَ الله لاَ إِلهَ إِلاَّ هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلتُ وَهُوَ رَبُّ الْعَرشِ الْعَظِيمِ)
{٧ مَرَّات}

“ह़स्बियल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवा, अलैहि तवक्कल्तु, व हुवा रब्बुल-अर्शिल-अज़ीम”

“मेरे लिए अल्लाह ही पर्याप्त है, उसके अलावा कोई पूजा के योग्य नहीं मैंने उसी पर भरोसा किया और वह महान सिंहासन का मालिक है”

7 बार

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