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उसकी दुआ अल्लाह सर्वशक्तिमान की प्रशंसा और स्तुति पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि अल्लाह इस बात को पसंद करता है कि उसका बंदा उसकी प्रशंसा करे; ताकि वह उसकी स्तुति करके उसकी उपासना करे, अन्यथा अल्लाह अपने बंदों से बेनियाज़ है चुनाँचे सहीह बुखारी व सहीह मुस्लिम में इब्ने मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस से वर्णित है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया :
“अल्लाह से अधिक किसी को भी प्रशंसा पसंद नहीं है इसीलिए उसने स्वयं की प्रशंसा की है”