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वह अल्लाह से उसके अच्छे नामों के साथ दुआ करे और उनके बीच इस तरह से विविधता लाए कि ऐसे नाम का चयन करे जो दुआ के अनुकूल हो चुनाँचे यदि वह अल्लाह से जीविका का प्रश्न करे, तो कहे : “ऐ रज़्ज़ाक़ (जीविका प्रदान करने वाले)”, यदि अल्लाह से दया का सवाल करे, तो कहे : “ऐ रहमान, ऐ रहीम (परम दयावान्, अत्यंत दया करने वाले), यदि अल्लाह से इज़्ज़त (प्रभुत्व, गौरव) का सवाल करे, तो कहे : “ऐ अज़ीज़” (प्रभुत्वशाली), यदि अल्लाह से क्षमा माँगे, तो कहे : “ऐ ग़फूर” (क्षमा करने वाले), और अगर शिफ़ा (आरोग्य) का प्रश्न करे, तो कहे : “ऐ शाफ़ी” (ऐ शिफा देने वाले) इस प्रकार वह अल्लाह के ऐसे नाम के साथ दुआ करे जो उसकी दुआ के अनुकूल हो क्योंकि अल्लाह सर्वशक्तिमान का फरमान है : (وَلِلّهِ الأَسْمَاء الْحُسْنَى فَادْعُوهُ بِهَا) “और सबसे अच्छे नाम अल्लाह ही के हैं, अतः उसे उनके साथ पुकारो” [अल-आराफ़ : 180]

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