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दुआ करने वाला दुआ के क़बूल होने के समयों को तलाश करे और उनमें अल्लाह तआला से दुआ करे

हदीस में वर्णित दुआ के क़बूल होने के स्थानों और समयों में से कुछ ये हैं : (अज़ान और इक़ामत के दरमियान दुआ करना - रात के अंतिम तिहाई में – जुमा के दिन की घड़ी में – फ़र्ज नमाज़ों के बाद - सजदों में – बारिश होते समय – मुसलमान का अपने भाई के लिए उसकी अनुपस्थिति में दुआ करना - पिता का अपनी संतान के लिए दुआ करना – मुसाफ़िर की दुआ – मज़लूम (उत्पीड़ित) की दुआ)

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